आंध्र प्रदेश में IBM का क्वांटम कंप्यूटिंग हब: गाँव–गाँव में चर्चा | Andhra Pradesh IBM Quantum Hub
Govt Release: Andhra Pradesh IBM Quantum Computing Hub 2025 at Amaravati | credit:chatgpt

भाइयो-बहिनो, आजकल गाँव के चौपाल से लेके शहर की यूनिवर्सिटी तक हर कोई एक ही बात कर रहा है – क्वांटम कंप्यूटिंग। सुनने में तो बड़ा भारी शब्द लगता है, पर असल में बात सीधी है कि अब कंप्यूटर की दुनिया में एक नया क्रांति आ गया है। आंध्र प्रदेश सरकार ने IBM जैसी बड़ी कंपनी को मंज़ूरी दे दी है कि वो अमरावती में अपना क्वांटम कंप्यूटिंग हब खोले।
ये फैसला 1 सितंबर 2025 को हुआ, और सरकार का कहना है कि 1 जनवरी 2026 तक यह हब चालू भी हो जाएगा। अब गाँव के लोग कह रहे हैं कि “भाई, क्वांटम कंप्यूटर तो सुने थे टीवी में, अब तो अपने राज्य में ही आने वाला है।”
📌 क्वांटम हब क्या है?
साधारण कंप्यूटर तो हर किसी के घर में है – मोबाइल, लैपटॉप, डेस्कटॉप। पर क्वांटम कंप्यूटर उससे कई गुना तेज़ और दिमाग़दार होता है। यह ऐसे-ऐसे कैलकुलेशन कर सकता है, जो आम कंप्यूटर के बस की बात ही नहीं।
अमरावती में बनने वाला यह हब 133-qubit का क्वांटम सिस्टम होगा, जिसमें करीब 5000 गेट्स लगे होंगे। इसका मतलब यह कि रिसर्चर, स्टूडेंट्स और इंडस्ट्री वाले मिलके नए-नए प्रयोग कर पाएँगे।
🏢 Amaravati Quantum Computing Centre (AQCC)
- 2000 स्क्वायर फीट में बना यह सेंटर एकदम हाई-टेक होगा।
- इसमें एडवांस्ड कूलिंग, सिक्योर नेटवर्किंग और लगातार बिजली की सुविधा रहेगी।
- इसके अलावा सरकार ने 50 एकड़ जमीन "Quantum Valley" के नाम से अलग रखी है, जहाँ आने वाले समय में और भी कंपनियाँ और रिसर्च सेंटर खुलेंगे।
गाँव में लोग कह रहे हैं कि जैसे “आईटी पार्क” से शहरों में रोजगार बढ़ा था, वैसे ही यह क्वांटम वैली से भी नई नौकरी और कारोबार पैदा होगा।
🎯 क्यों ज़रूरी है यह हब?
आजकल की दुनिया में इलेक्ट्रॉनिक्स, सेमीकंडक्टर और नई-नई मटेरियल बनाने में बड़ी मुश्किलें आती हैं। पुराने कंप्यूटरों से इतनी बड़ी गणनाएँ कर पाना नामुमकिन है। लेकिन क्वांटम कंप्यूटर इन मुश्किलों को चुटकी में हल कर सकता है।
👉 इससे फायदा होगा:
- नए चिप्स बनाने में
- इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की डिज़ाइन में
- मटेरियल साइंस और दवा रिसर्च में
- किसानों तक भी फायदा पहुँच सकता है – क्योंकि मौसम का अनुमान और खेती के नए तरीके समझने में क्वांटम की मदद ली जा सकती है।
सरकार ने साफ कहा है कि 15 अगस्त 2026 तक 100 क्वांटम यूज़ केस तैयार किए जाएँगे।
🤝 पार्टनर और समझौता
- IBM है इस प्रोजेक्ट का मुख्य पार्टनर।
- कंपनी को यहाँ काम करने के लिए ₹30 प्रति स्क्वायर फीट के हिसाब से किराया देना होगा। पहले यह किराया ₹10 तय किया गया था, पर बाद में सरकार ने इसे नॉर्म्स के हिसाब से बढ़ाया।
- इसके अलावा, IBM हर साल 365 घंटे का फ्री क्वांटम कंप्यूटिंग एक्सेस देगा, जिससे सरकारी संस्थान और यूनिवर्सिटी रिसर्च कर पाएँगे।
- बेंगलुरु की कंपनी AI on the Queue के साथ मिलकर ₹6 करोड़ का छोटा क्वांटम सेटअप Wits University campus में भी लगेगा।
👨🏫 गाँव के नजरिए से
गाँव के मास्टरजी बोले – “हमारे बच्चे अब अमरावती जाकर क्वांटम कंप्यूटर पर पढ़ाई कर पाएँगे। पहले सोचा भी नहीं था कि ऐसी मशीन हमारे राज्य में आएगी।”
गाँव के नौजवानों का कहना है कि अगर सरकार ट्रेनिंग और स्कॉलरशिप भी दे, तो गाँव से भी बच्चे क्वांटम इंजीनियर बन सकते हैं। इस प्रोजेक्ट से नए-नए रोजगार और स्टार्टअप्स निकलेंगे।
🌏 भारत और दुनिया में असर
भारत सरकार ने 2023 में National Quantum Mission के लिए 6003 करोड़ रुपए का फंड दिया था। लेकिन यह जो आंध्र प्रदेश का प्रोजेक्ट है, यह पूरी तरह से राज्य सरकार की पहल है। इससे साबित होता है कि अब सिर्फ दिल्ली ही नहीं, बल्कि राज्य भी टेक्नोलॉजी में आगे बढ़ रहे हैं।
दुनिया के स्तर पर देखें तो अमेरिका, चीन और यूरोप क्वांटम कंप्यूटिंग में दौड़ लगा रहे हैं। अब भारत भी उस रेस में तेज़ी से शामिल हो रहा है। और अगर आंध्र प्रदेश का यह प्रोजेक्ट सफल रहा, तो भारत को दुनिया की क्वांटम पावर लिस्ट में ऊँचा स्थान मिलेगा।
📊 प्रोजेक्ट डिटेल्स टेबल
पहलू (Aspect) | जानकारी (Description) |
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System Specs | 133-qubit quantum computer (5000 gates) |
Location | Amaravati Quantum Computing Centre (50-acre Quantum Valley) |
Facility Size | 2000 sq. ft. |
Free Access | 365 घंटे/साल (4 साल तक) |
Rental Terms | ₹30/sq. ft. subsidized |
Timeline | Operational by Jan 1, 2026; 100 use cases by Aug 15, 2026 |
Partners | IBM (primary), AI on the Queue (Wits Univ. campus) |
Budget (extra) | ₹6 करोड़ छोटा quantum प्रोजेक्ट के लिए |
भाईयो-बहिनो, आंध्र प्रदेश का यह कदम सिर्फ शहरों के लिए नहीं, बल्कि गाँव के लिए भी बड़ा मौका है। आज की तारीख़ में जब दुनिया टेक्नोलॉजी पर भाग रही है, तब हमारा राज्य क्वांटम कंप्यूटर जैसी मशीन ला रहा है। इससे आने वाले सालों में नए-नए रोजगार, रिसर्च और कारोबार के रास्ते खुलेंगे।
गाँव की बोली में कहें तो – “अबकी बार अमरावती बनेगा क्वांटम का अड्डा, और हम सबको भी मिलेगा इसका फायदा।”