मोदी सरकार का बड़ा फैसला: अब गन्ने से बनेगा ज्यादा इथेनॉल, चीनी का भंडार बढ़ेगा और किसानों को होगा फायदा
दोस्तों, अभी-अभी मोदी सरकार ने एक ऐसा फैसला लिया है जिसको लेकर पूरे शुगर सेक्टर में हलचल मच गई है। सरकार ने साफ कर दिया है कि अब 2025-26 इथेनॉल सप्लाई ईयर (ESY) से गन्ने के रस, सिरप, बी-हेवी और सी-हेवी गुड़ (molasses) से इथेनॉल बनाने पर कोई रोक-टोक नहीं रहेगी। पहले जो पाबंदी थी, वह खत्म कर दी गई है।
पहले क्यों लगी थी रोक?
दरअसल दिसंबर 2023 में सरकार ने इथेनॉल बनाने पर कुछ सीमा लगा दी थी। वजह थी कि उस साल गन्ने की पैदावार थोड़ी कम हुई थी और डर था कि अगर ज्यादा गन्ना इथेनॉल में चला गया तो देश में चीनी की कमी हो जाएगी। इसलिए तब 4 मिलियन टन से घटाकर 3.3 मिलियन टन तक ही गन्ना इथेनॉल के लिए भेजने की इजाजत मिली थी।
अब हालत अलग है। इस बार मौसम अच्छा है, बारिश बढ़िया हुई है, और गन्ने की खेती भी ज्यादा हुई है। तो अंदाजा लगाया जा रहा है कि अगले साल चीनी की पैदावार करीब 18-26% ज्यादा होगी।
चीनी का हिसाब-किताब
देखिए, देश की जरूरत हर साल लगभग 31 मिलियन टन चीनी की होती है। लेकिन 2025-26 में अनुमान है कि पैदावार करीब 35 से 36.5 मिलियन टन तक पहुंच जाएगी। यानी कि जरूरत से 4-5 मिलियन टन ज्यादा। अब अगर इतनी चीनी स्टॉक में पड़ी रहेगी तो कीमतें गिर सकती हैं, मिलों का नुकसान हो सकता है। यही कारण है कि सरकार ने कहा – भाई, जो चीनी ज्यादा बनेगी, उसका कुछ हिस्सा इथेनॉल बनाने में लगा दो।
इससे फायदा यह होगा कि
- मिल को पैसा मिलेगा,
- किसान को समय पर भुगतान मिलेगा,
- और पेट्रोल में इथेनॉल मिलाकर देश का तेल का बिल भी घटेगा।
किसानों और मिल वालों का फायदा
इंडस्ट्री से जुड़े लोग कह रहे हैं कि अगले साल करीब 5 मिलियन टन चीनी इथेनॉल में बदल जाएगी। इससे लगभग 450-500 करोड़ लीटर इथेनॉल बनेगा। यह इथेनॉल सरकारी ऑयल कंपनियां खरीदेंगी और पेट्रोल में मिलाएंगी। इसका मतलब है मिलों को सीधे पैसा मिलेगा, और किसानों का बकाया जल्दी निपटेगा।
ऑल इंडिया शुगर ट्रेड एसोसिएशन के लोगों ने तो इसे किसानों के लिए “जैकपॉट” कहा है। पहले मिलों को ज्यादा चीनी बेचने के लिए बाजार में भाव का इंतजार करना पड़ता था, अब इथेनॉल से तुरंत कैश मिलेगा।
शेयर बाजार में हलचल
जैसे ही सरकार का यह फैसला आया, शेयर बाजार में शुगर कंपनियों के शेयर ऊपर उछल गए।
- Rajshree Sugars & Chemicals – 20% बढ़कर 45.36 रुपये
- Shree Renuka Sugars – 14% ऊपर 32.80 रुपये
- Dhampur Sugar Mills – 12.85% की छलांग, 142.20 रुपये
- Avadh Sugar Energy – 10.5% बढ़कर 467.05 रुपये
- Balrampur Chini Mills – करीब 8% बढ़कर 584.40 रुपये
कई छोटे-मोटे शुगर स्टॉक्स भी 10-15% ऊपर चले गए। निवेशक मान रहे हैं कि इथेनॉल से कंपनियों की कमाई बढ़ेगी।
आगे का रास्ता
सरकार का टारगेट है कि 2025-26 तक पेट्रोल में 20% इथेनॉल मिलाना। अभी जुलाई 2024 तक यह आंकड़ा 19.05% पर पहुंच चुका है। मतलब लक्ष्य अब बस हाथ की दूरी पर है।
लेकिन ध्यान रहे, खेती किसानी का काम हमेशा मौसम पर निर्भर होता है। अगर बरसात खराब हो गई, या गन्ने की पैदावार कम हो गई, तो फिर हालात बदल सकते हैं। इसीलिए कई एक्सपर्ट कह रहे हैं कि सरकार को हर साल स्थिति देखकर फैसला करना होगा।
गांव के नजरिए से
गांव के किसान कह रहे हैं कि अगर मिल समय पर पैसा दे दे तो सबसे बड़ी राहत यही है। पहले बकाया महीनों तक अटका रहता था, अब इथेनॉल से पैसा जल्दी मिलेगा। वहीं गांव के पढ़े-लिखे लड़के शेयर बाजार में भी हाथ आजमा रहे हैं, और उनका कहना है कि शुगर स्टॉक्स में अभी मजा आ सकता है।
नतीजा
कुल मिलाकर, मोदी सरकार का यह कदम गन्ना किसानों, मिल मालिकों और निवेशकों – तीनों के लिए फायदेमंद लग रहा है। ज्यादा गन्ना होगा तो नुकसान नहीं होगा, इथेनॉल बनेगा, पैसा घूमेगा, और पेट्रोल में मिलाने से देश भी आत्मनिर्भर बनेगा। हां, मौसम की मार रही तो मुश्किल हो सकती है, लेकिन फिलहाल तो यह फैसला “गेम चेंजर” साबित हो रहा है।